एकना रिपोर्ट के अनुसार, अल्हम्दुलिल्लाह, एतिकाफ का आध्यात्मिक पहलू दुनिया के हर कोने में परिचित और स्वागत योग्य हो रहा है और दुनिया के हर कोने में एतिकाफ समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। इस वर्ष शिया जामा मस्जिद शिया नगर रझेटी के अंदर एक एतेकाफ़ कार्यक्रम आयोजित किया गया था यह मस्जिद वर्तमान में निर्माणाधीन है।
गौरतलब है कि शिया नगर रझेटी के अंदर एतेकाफ़ का यह कार्यक्रम पहले कभी नहीं आयोजित किया गया था और इस साल यह पहली बार किया गया और इसका युवाओं ने स्वागत किया और मोमिनो ने इसका स्वागत किया और उन्होंने समर्थन भी किया।
गंगा नदी से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित शिया नगर रझेटी एक छोटा शिया आबादी वाली बस्ती है। एक और संयोग यह है कि हापुड जिले में इस बस्ती के अलावा कोई अन्य शिया बस्ती नहीं है। इस लिहाज से इस रुहानी एवं अध्यात्मिक कार्यक्रम का महत्व बढ़ जाता है।
एतेकाफ़ के दौरान कुरान की तिलावत, नमाज़, दुआ, मौएज़ा और अन्य आध्यात्मिक कार्यक्रम जारी रहे।
हुज्जतुल इस्लाम वलमुसलिमीन मेलाना मोहम्मद बाक़िर रज़ा साहब ने बताया कि चूँकि भारत में अधिकांश लोग अंग्रेजी या हिंदी बोलते हैं, इसलिए युवाओं को कुरान पढ़ने में समस्या होती है, और इस एतेकाफ़ में अधिकांश प्रयास कुरान को पढ़ने की क्षमता और उसकी तिलावत और रवानी पर अधिक ध्यान दिया गया। ताकि अल्लाह की पुस्तक से जुड़ जाने के बाद बाकी रूहानी पहलू एवं लाइनें युवाओं से जुड़ती चली जाएँ।